परीक्षा-गुरु - प्रकरण-36

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लाला ब्रजकिशोर के गये पीछे मदनमोहन की फ़िर वही दशा हो गई. दिन पहाड़ सा मालूम होनें लगा. खास कर डाक की बड़ी तला मली लगरही थी. निदान राम, राम करके डाक का समय हुआ डाक आई. उस्‍मैं दो तीन चिट्ठी और कई अखबार थे. एक चिट्ठी आगरे के एक जौहरी की आई थी जिस्‍मैं जवाहरात की बिक्री बाबत लाला साहब के रुपे लेनें थे और वह यों भी लाला साहब सै बड़ी मित्रता जताया करता था.