परीक्षा-गुरु - प्रकरण-19

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सच तो यह है कि आज लाला ब्रजकिशोर साहब नें बहुत अच्‍छी तरह भाईचारा निभाया. इन्‍की बातचीत मैं यह बड़ी तारीफ है कि जैसा काम किया चाहते हैं वैसा ही असर सब के चित्त पर पैदा कर देते हैं मास्‍टर शिंभूदयाल नें मुस्‍करा कर कहा. हरगिज नहीं, हरगिज नहीं, मैं इन्साफ़ के मामले मैं भाई चारे को पास नहीं आनें देता जिस रीति सै बरतनें के लिये मैं और लोगों को सलाह देता हूँ उस रीति बरतना मैं अपनें ऊपर फर्ज समझता हूँ.