परीक्षा-गुरु - प्रकरण-18

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आप चाहे स्‍वार्थ समझैं चाहे पक्षपात समझैं हरकिशोर नें तो मुझे ऐसा चिढ़ाया है कि मैं उस्‍सै बदला लिये बिना क़भी नहीं रहूँगा लाला मदनमोहन नें गुस्से सै कहा. उस्‍का कसूर क्‍या है ? हरेक मनुष्‍य सै तीन तरह की हानि हो सक्ती है. एक अपवाद करके दूसरे के यश मैं धब्‍बा लगाना, दूसरे शरीर की चोट, तीसरे माल का नुकसान करना. इन्मैं हरकिशोर नें आप की कौनसी हानि की ? लाला ब्रजकिशोर नें कहा.