खेत में कणक

  • 7.2k
  • 1.3k

संयुक्त परिवारों में मिल बाँटकर सब हो जाया करता है। जमाने की हवा में जहाँ स्वयं बँट गए, वहाँ काम भी बँट गए। कुछ काम अभी, कुछ बाद में। जरूरी पहले, गैरजरूरी समय हाथ में रहा तब। सुबह का काम भी औरतों के हिस्से में अधिक है। मरद उठते हैं मरजी से------- इसी कहानी से। एक पहाड़ी गांव के इर्द—गिर्द बुनी गई रतन चंद रत्नेश की रोचक कहानी।