यूवी गीतिका का हाथ छोड़ देता है और गीतिका वहां से चली जाती है। गीतिका से चला नहीं जाता है और वो जैसे न तैसे करके जा रही होती है।यूवी वहीं पर ही चुप चाप खड़ा रहता है।गीतिका हॉल के उसी कमरे में चली जाती है और जहां पर मीरा तैयार होती हैं।उधर मीरा की सगाई हो रही होती है और इधर गीतिका हॉल के कमरे में अकेली बैठ कर रो रही होती है और सोच रही होती है कि उस एक दिन की वजह से आज मेरे साथ क्या हो गया है, बच्चे जितनी भी गलतियां करे उनके मां