रूचि .. रूचि ... मेरी बात तो सुनो बेटा , मैं तुम्हारे भले के लिए ही सोच रहा हूं।तुम घर छोड़ कर मत जाओ , एक बार अपने पापा के कहने पर उस लड़के से मिल कर तो देखो ।नही पापा .... मैं आज नही रुकने वाली , चाहे आज तूफान ही न क्यों आ जाए रूचि बिना दूसरी ओर पलटे जवाब देती है।।बेटा प्लीज रुक जाओ देखो बाहर कितना मौसम खराब है लगता है बारिश भी आने वाली है ।मेरे खातिर रुक जाओ ।।।अपना बैग लिए आगे बढ़ती जा रही थी जो कपड़ों और कुछ जरूरत के सामानों से