इश्क दा मारा - 33

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यश बंटी के साथ यूवी को ढूंढने के लिए जाता है।उधर यूवी आराम से कुर्सी पर बैठा रहता है और बोलता है, "वैसे जो भी कहो तुम लोग एक्टिंग बहुत ही अच्छी करते हो"।तब एक गुंडा बोलता है, "युवान भाई मेरा तो बचपन से ही शौक था हीरो बनने का, मगर मौका ही नहीं मिला "।तब यूवी बोलता है, "परेशान मत हो मिलेगा मौका "।तब एक गुंडा बोलता है, "मगर आप लड़कियों से इतना दूर क्यों भागते हो भाई, वैसे भी वो लड़की थी तो बहुत ही अच्छी"।तब यूवी बोलता है, "करवाऊं उसके बाप की बात तुझ से, और बताऊ