अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 68

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आज भले जतिन और मैत्री के बीच उनके दिल मे एक दूसरे के लिये छुपे प्यार का इजहार नही हो पाया था लेकिन उन दोनो के हाव भाव ने... एक दूसरे के लिये समर्पित शब्दो ने, एक दूसरे के समर्पण और एक दूसरे को खुश रखने की भावना ने अपने प्यार का इजहार कर दिया था.... जहां एक तरफ जतिन के प्यार की चाशनी मे डूबी मैत्री अपनी साड़ी का पल्लू हवा मे लहरा के मदहोश सी हुयी झूमी जा रही थी वहीं जतिन भी बस मैत्री के साथ बिताये गये उन पलो को याद करके बहुत खुश हो रहा