अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 58

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जतिन से मिले प्यार और साथ ने मैत्री को इतना भावुक कर दिया कि जिन बातो को उसने अपने दिल मे दफन किया हुआ था और जिन बातो की वजह से वो खुलकर जी नही पा रही थी और जतिन के भी करीब नही आ पा रही थी आज वो बाते मैत्री रोते हुये एक एक करके अपने अर्धांग जतिन को बताते हुये बोली- "शादी मे फेरो तक उन लोगो का व्यवहार बहुत अच्छा तो नही कह सकते पर ठीक था... फेरो के बाद अचानक से रवि की मम्मी का मुंह चढ़ गया फिर जूता चुराई पर भी उन्होने मेरी