अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 55

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मैत्री की बनायी रंगोली देखकर जहां एक तरफ बबिता और विजय बेहद खुश थे ये सोचकर कि मैत्री कितनी गुणी है और कितना अच्छा हुनर है इसके अंदर वहीं दूसरी तरफ मैत्री का अपने नये घर के प्रति, नये परिवार के प्रति समर्पण और जिम्मेदारी से चीजो को करने का तरीका जतिन को एक अलग ही खुशी दे रहा था... सब लोगो से अपने काम की तारीफें सुनने के बाद मैत्री ने बबिता से कहा- मम्मी जी आप और पापा जी पूजा कर लीजिये.... नाश्ता लगभग तैयार ही है... पूजा करके फिर नाश्ता कर लीजियेगा...मैत्री की बात सुनकर बबिता ने