साथिया - 124

तु मेरे पास है मेरे साथ है और इससे खूबसूरत कोई एहसास नही। आज  सुकून मिला है इस बेताब बैचैन दिल को। तेरे साथ का एहसास ही काफी है मेरे  दिल के सुकून के लिए। न तुझे हासिल करने की चाहत है न जल्दबाजी कोई..!  क्योंकि प्यार   में हमेशा हासिल करना जरूरी नही होता, जरूरी होता है पाना..!  प्यार में सिर्फ जिस्म छूना जरूरी नही होता , जरूरी है जिस्म से पहले रूह को  छूना।" अक्षत ने मद्धम रोशनी में उसके मासूम चेहरे को देखते हुए खुद से कहा और आँखे बन्द कर ली। जैसे ही उसकी गहरी होती साँसे