मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता.... - भाग 2

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"मैं तुमसे अब नहीं मिल पाऊंगा," कहते हुए नीलाभ को लगा मानो उसके स्वर में कांटों की बाड़ उग आई है। कहना इतना तकलीफदेह है तो उसके लिए सुनना कितना पीड़ादायक होगा।"हो गया मजाक तो चलें?" संध्या जोर से हंसी।"मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता। मेरी कुछ मजबूरियां हैं," नीलाभ ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हुए कहा।"कोई बात नहीं। मत करो अभी शादी। अपनी मजबूरियों को पहले सुलझा लो। मैं मदद करूंगी और इंतजार भी।""तुम किसी बात को समझती क्यों नहीं? कहा न, मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता। न अभी, न कभी," वह झल्ला उठा था।"तुम क्यों समझ