प्रेमी-आत्मा मरीचिका - 7

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इस वक्त मधुलिका का हसीन वजूद उसके अहसासों पर छाता जा रहा था। मुंहबोली प्यारी मां की मौत का सदमा अनजाने में कहीं गहराइयों में जा सोया था। अब आगे - प्रेमी आत्मा मरीचिका - भाग ०७ फिर अचानक उसे मधुलिका नजर आ गई थी अपने शाही अदाज में होंठों पर अजीब-सी मुस्कान लिए। घर में जमा भीड़ के पीछे वो कुछ ऊंची नजर आ रही थी, जैसे किसी पत्थर वगैरह पर खड़ी हुई हो। उसको देखते ही सुभ्रत के होंठ सिकुड़ गए। खून का दौरा उसके बदन में सनसनाहट पैदा करने लगा था और वो बेचैन होकर अपनी जगह से