अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 44

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जहां एक तरफ मैत्री का मन सुहागरात के नाम पर बहुत घबरा रहा था, वो बहुत असहज महसूस कर रही थी... वही दूसरी तरफ जतिन का मन उस एहसास को महसूस करके बहुत खुश था जो मैत्री के उसके जीवन मे आने पर उसे मिल रहा था.... वैसे तो जतिन हमेशा से एक जिम्मेदार इंसान था और बड़ी जिम्मेदारी के साथ उसने अपने पूरे परिवार को समय से पहले ही संभालना शुरू कर दिया था लेकिन आज उसे अपने कंधो पर मैत्री को लेकर एक अजीब सी ही जिम्मेदारी का एहसास हो रहा था...अपनी अर्धांगिनी  मैत्री के अपने पास होने