द्वारावती - 44

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44तभी मंच पर गुल आ गई। उसे देखकर मंच अधिक अनियंत्रित हो गया। गुल बोली, “नमो नम: सर्वेभ्यो।” गुल के शब्दों से सभा शांत होने लगी। “यदि आप आज्ञा दें तो केशव के स्थान पर मैं श्लोकगान करूँ?” गुल निर्णायकों के प्रतिभाव की प्रतीक्षा करने लगी। उनके लिए यह स्थिति अपेक्षित नहीं थी। वह विचलित हो गए, सभा भी। सभा से अनेक ध्वनि आने लगे। कोई पक्ष में तो कोई विपक्ष में अपना अपना मत प्रकट करने लगे। सभा पुन: अनियंत्रित होने लगी। निर्णायक गण आपसी चर्चा के उपरांत भी कोई निर्णय नहीं कर सका। सभा अधिक अनियंत्रित हो गई। सहसा एक निर्णायक