शून्य से शून्य तक - भाग 42

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42=== अनिकेत के माता-पिता को आशिमा बहुत पसंद आई | वह एक समझदार, विवेकशील, शिक्षित लड़की थी जो अपने माता-पिता की अनुपस्थिति में उदास दिखाई दे रही थी| अनिकेत और आशिमा ने भी एक कमरे में बैठकर चर्चा की व एक-दूसरे के विचारों से अवगत हुए| दोनों ने एक-दूसरे को सुलझा हुआ पाया और वह लड़की जो अपने माता-पिता के सामने शादी की बात से बिलकुल भी इत्तिफ़ाक नहीं रखती थी।दीनानाथ अंकल व भाई के चुनाव के सामने कुछ भी न बोली और उनकी इच्छानुसार उसने हाँ कर दी| अनिकेत अच्छा लड़का तो था ही|  दोनों बच्चों की ‘हाँ’ जानकार