अधूरा अहसास.. - 3

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........दिन बहुत तेजी से चल रहे थे।और साथ ही एक दूसरे के लिए दिलों में काफी तूफान भी मचल रहे थे।पिछले चार दिन से राजेश को राधिका दिखाई नही थी।हर रोज 10 बजे वह उसके दुकान के ठीक सामने होती थी।अपने कॉलेज के लिए। एक दूसरे को देखने भर से ही उन दोनो को सुकून मिलता था।उसके पास मोबाइल ना होने के कारण ,वह उससे बात भी नही कर सकता था।राधिका की राजेश को अब आदत सी हो गई थी।जब वह उसके घर पर पानी देने जाता था तो,उसकी नजर उसे ही खोज रही होती थी।अब उसका मन उसके काम