जैसे जाते हुए किसी व्यक्ति की गर्दन पर नजर जमाकर भावना करना कि वह पीछे मुड़कर देखे । ऐसा करते रहने से कुछ देर बाद वह पीछे मुड़कर देखने लग जाता है । ऐसे ही बैठे हुए को खड़े होने को कहना वह यदि खड़ा हो जाता है तो आप सही दिशा मे है । यह सब त्राटक का अभ्यास आधे घंटे तक ले जाने पर होने लगता है । यह सब इच्छा शक्ति के ही विकसित होने से होता है । अपनी इच्छा शक्ति से किसी को भी सम्मोहित भी किया जा सकता है । रोगी को रोग मुक्त