अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 26

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जतिन और उसके परिवार के मैत्री के घर के अंदर आने के बाद वहां का माहौल बहुत खुशनुमा हो गया था चूंकि राजेश और जतिन अच्छे दोस्त थे तो दोनो के बीच मे कोई भी हिचक नही थी इसलिये दोनो एक दूसरे से हंसी मजाक करते हुये ही घर के अंदर आये थे, अंदर आने के बाद राजेश ने जतिन से पूछा- और बताओ जतिन भाई, घर ढूंढने मे कोई दिक्कत तो नही हुयी ना... जतिन ने कहा- नहीं नहीं कोई दिक्कत नही हुयी गूगल देवता ने हमे यहां आराम से पंहुचा दिया... जतिन की बात सुनकर राजेश हंसने लगा