अर्धांगिनी-अपरिभाषित प्रेम... - एपिसोड 22

  • 3k
  • 1.3k

जतिन के कमरे से बाहर आने के बाद बबिता चुपचाप अपने कमरे मे चली गयीं और अपने कमरे मे जाने के बाद उन्होने देखा कि विजय बिस्तर पर पैर लटकाये हुये बैठे हैं ऐसे जैसे उनके जतिन के कमरे से आने का इंतजार कर रहे हों, उनके बगल मे बैठ कर बबिता ने कहा- आप भी खुश हो लीजिये, बोल दिया है आपके प्यारे बेटे से कि राजेश को अपने परिवार के साथ घर बुला ले... बबिता की खिसियाहट मे की गयी इस बात का जवाब देते हुये विजय ने कहा- वो तुम्हारा भी बेटा है, ये "अपने बेटे" कहने