जो मिले तुमसे भाग - 2

  • 912
  • 369

मैं कुछ बोल रहा हूं तुम्हे सुनाई नहीं दे रहा है, वो तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है कभी वापस न आने के लिए।। समीर का सब्र का बांध टूटा ...... और वो जोर से तेज आवाज में चीखा " तारा आ आ आ " मूसलाधार बारिश में सड़क के किनारे अपने घुटनों के बल बैठ गया । मानो उसका शरीर उसका साथ छोड़ रहा हो ..... एक मात्र लड़की के जाने से उसकी ऐसी हालत हो गई थी जैसे दर्दों से सना एक पन्ना हो जिसमें किसी के खोने का गम लिखा हो । तरुण ... सब खत्म हो