श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 10

  • 1.1k
  • 450

अध्याय 10 विभूति योगपिछले अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि इस सृष्टि में यदि कुछ जानने योग्य है तो केवल ईश्वर है। ईश्वर ही सृष्टि का आधार है और सभी चर अचर प्राणियों में विद्यमान है। जो इस बात को समझ लेता है उसके लिए अन्य कुछ भी जानना शेष नहीं रह जाता है। इस इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण उसी बात को आगे बढ़ाते हुए अपनी महिमा एवं ऐश्वर्य का वर्णन कर रहे हैं। श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि तुम मेरे ऐश्वर्य को पुनः सुनो। तुम मुझे प्रिय हो अतः मैं तुम्हारा शुभचिंतक हूँ।