हीर... - 3

  • 3.2k
  • 1.8k

अक्सर कई शायरों को कई महफ़िलों में कहते सुना है कि अगर एक मर्द के दिल को कोई बात दुख पंहुचा जाये तब वो अंदर ही अंदर घुटता रहता है और सब कुछ सहता रहता है.. उसकी आंखों में आंसू ज़रूर आते हैं लेकिन वो उन्हें बाहर आने से पहले ही अपनी आंखों में सोख लेता है पर कभी रोता नहीं है और अगर वो रोने लगे तब समझ लेना चाहिये कि अब बात इतनी जादा बड़ी हो चुकी है कि उस बात को सहना अब उसके बस का नहीं रहा... समझ लेना चाहिये कि अब उस मर्द के दिल