Ep 47साई की माया 3 जोशी परिवार को उस बंगले पर आये चौबीस घंटे भी नहीं बीते थे कि यह अकल्पनीय घटना घट गयी. मानो उस बंगले में घूम रही जटिल ताकतें नहीं चाहती थीं कि यह परिवार उनके इलाके में रहे. दूसरे दिन से भी कुछ-कुछ होने लगा. मेघलताबाई जब रसोई में काम कर रही होती थी तो ऊपर सफाई करते समय जब वह घर में अकेली होती थी तो उसे ऐसा महसूस होता था कि कोई उसके पीछे खड़ा है और उसे चोर निगाहों से देख रहा है - लेकिन जब वह पीछे मुड़कर देखती तो उसे कोई