तुर्कलिश - 5 - अंतिम भाग

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"प्यारे आलोक," "मरहबा!"   "मैं चिट्ठी की शुरुआत में ही आपसे माफी माँगती हूँ, इसलिए आगे जो आप पढ़नेवाले हैं, उसके लिए मुझे पहले ही माफ कर दें।"   "मैं जानती हूँ कि मुझे पहले ही अपनी दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ाना चाहिए था। मगर मैं अकेली थी और मेरा दिल टूट गया था।"   "मैंने फ्रेडरिक विल्हेम नीत्शे के फैन पेज पर आपका कमेंट पढ़ा, फिर आपके फेसबुक प्रोफाइल को देखकर मैंने जाना कि आप एक रोमांटिक कवि हैं।"   "मैं आपसे आमने-सामने नही मिली हूँ, लेकिन आप मुझे किसी की याद दिलाते हैं, जिससे मैं प्यार करती थी।