दो पल (love is blind) - 5

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5 जिंदगी में कुछ ना पाने का अफसोस रह ही जाता है। कुछ चीज छूट ही जाती है। इंसान कामयाब या निष्फल नहीं होता, मंजिल कभी खत्म नही होती, मौत के बाद भी नहीं। मौत आने पर भी जिंदगी जीने में कुछ ख्वाईश अधूरी रह जाती है, जिसका अफसोस भी रहता है और गम भी। उस वक्त हम खुदा से प्रार्थना करते है के जीने के लिए दो पल ओर मिल जाते ते तो जिंदगी की आखरी ख्वाईश पूरी हो जाती, बाद में भले ही मौत आए। सुबह सुबह फोन की घंटी बजने लगती है। मिरा सोई हुई थी। फोन