कालवाची-प्रेतनी रहस्य-सीजन-२--भाग(२३)

  • 1.1k
  • 1
  • 303

तभी मनोज्ञा बनी कालबाह्यी ने रानी चारुचित्रा को देख लिया तो महाराज से बोली... "महाराज! ऐसा प्रतीत होता है कि रानी चारुचित्रा ने हमारे मध्य हो रहे वार्तालाप को सुन लिया है", "हाँ! सुन तो लिया किन्तु मुझे महाराज एवं उनके प्रेम पर पूर्ण विश्वास है",चारुचित्रा बोली... "जी! महारानी! आपका विश्वास महाराज ने टूटने नहीं दिया" और ऐसा कहकर वो वहाँ से चली गई,समय यूँ ही बीत रहा था यशवर्धन को उस राज्य एवं विराटज्योति का शत्रु घोषित कर दिया गया,इसलिए वो राज्य के समीप वाले वन में छुपकर रहने लगा,अब वो वैतालिक राज्य नहीं लौट सकता था,इसलिए उसने मान्धात्री