भयानक यात्रा - 27 - आलोकनाथ का आत्मपरीक्षण।

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हमें पिछले भाग में देखा की ..... जब हितेश , जगपति और सतीश कमरे में जाते है तो वहां उनको वैध जी कमरे के फर्श पे लेटे हुए मिलते है जो की बेहोश से पड़े होते है । वो लोग वैध जी को वहां से उठा कर सोफे में सुला देते है । तभी हितेश जगपति से वैध जी के बारे में पूछता है की उनकी नब्ज़ इतनी काली क्यू है ! तब जगपति वैध जी के बारे में बताते है की उन्होंने गांव वालो की भलाई के लिए अपने मां बाप के बाद गांव वालो को ही अपना परिवार