मानव भेड़ियाँ और रोहिणी - 7 (अंतिम भाग)

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आकाश ने रोहिणी को समझाया कि मैं भी यही चाहता हूँ, परंतु हमें एक श्राप मिला हुआ है, पूर्णिमा की रात को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक हमें भेड़ियाँ का रूप अपने आप ही लेना पड़ता है इसको हम रोक नहीं सकते हैं । तुम ऐसा कर सकती हो कि 12 बजने से कुछ देर पहले ही मुझे एक रूम में बंद कर देना 3 बजे के बाद खोल देना ।रोहिणी ने कुछ देर सोचा और कहा कि हां ये तो हो सकता है पर पहले तुम एक वचन दो की अगर तुमने किसी मनुष्य को मारा या