प्यार की अर्जियां - 31

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"संदीप और जतिन के जाने के बाद पापाजी और बेबे जतिन के पैरेंट्स के बारे में सोचते विचारते बात करते हैं ... पापाजी कहता है ,"किन्नी लाड प्यार से पाल-पोस कर बड्डा की होर धूम-धड़का वीच सब नू बच्चों की ब्याह करी त्वड्डे प्रा और परजाई जी नू , होर आज वोनू बच्चे ही कार से निकाल दिता अनाथ आश्रम पेज दिता ..अफसोस जताते हुए कहता है..!! बेबे भी अब रूंवसी होकर कहती हैं ,"कि हाल होगी मेरे प्रा जी परजाई जी नू ,कार , परिवार , होकर भी अनाथ आश्रम पेज दिता , बेबे के मन में आघात लगती