कहते हैं की वह खण्डहर हो चुका गांव, कब्रिस्तान और चुड़ैल का साया अभी भी बैंगलोर मैसूर हाईवे पर मौजूद हैं सरकार ने उस गांव से निकलने वाली सड़क का कायाकल्प किया उसको नए सिरे से बनाया फिर भी कोई भी वाहन वहां से नहींं गुजरता हैं क्योंकि वहां पर चुड़ैल का साया हैं चुड़ैल का साया पूरे हाईवे पर पाया जाता हैं लेकिन उस गांव के नजदीक उसकी दहशत बहुत ज्यादा हैं इसलिए कोई भी उस शॉर्टकट रास्ते में दाखिल होने की हिम्मत नहींं करता हैं।अचानक हमें ठंड का एहसास होने लगा हमारा शरीर कांप रहा था तभी मेरी