में और मेरे अहसास - 96

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हुश्न की खूबसूरती आज जी भर के देखते हैं l नज़रे बचाके महफिल में ठहर के देखते हैं ll   किस्मत पर भरोसा है दीदार ए यार होगा l चलो थोड़ा सा और इंतजार कर के देखते हैं ll   काश खिड़की पर आ जाए खुली साँस लेने l एक बार फ़िर से गली से गुज़र के देखते हैं ll   भीतर की खूबसूरती को देखने के लिए अब l नजरों में समाकर दिल में उतर के देखते हैं ll   रहम खाकर एक झलक दिखलाने आ जाए l आज बड़े अरमान से सामने घर के देखते हैं ll