द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 25

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एपिसोड २५"आप यह जानते हैं, भट.! और आप यह भी जानते हैं कि उन सुंदर यक्षिणियों को देखकर आप नहीं उठते.. वे! ही..हीई..ही..हीई.हीई..!" उसने फिर चेहरे पर हाथ रख लिया और बेशर्मी की तरह हंसने लगी. भट्ट उसके इस वाक्य पर चुप रह गया, मानो क्रोध ने उसे निगल लिया हो। "चलो, यह बताओ कि तुमने मुझे इतनी जल्दी यहाँ क्यों बुलाया। अगर तुम फिर भी नहीं जागे.. तो तुम्हारा क्या फायदा?" "अंग! तुम बेशर्म कमीने, अब एक शब्द भी मत बोलो। मैं जो पूछूंगा केवल वही उत्तर दो। अन्यथा मैं तुम्हें हमेशा के लिए जेल में रखूंगा।" "नहीं-मत करो..!