राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा - 1

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22 जनवरी2024इतिहास के पन्ने में दर्ज एक तारीख ही नही है।सनातन के पुनर्जागरण के श्री गणेश का दिन भी है।और राम के14 वर्ष के वनवास से लौटने के बाद त्रेता युग मे दिवाली मनाई गई थी।कलयुग में500 साल बाद राम लला के पुनः स्थापित होने के बाद यह अवसर आया है।राम कोई नाम नही है।यह हमारे जीवन का आधार है।कण कण में व्यावपत है।जीवन की शुरुआत से अंत तक राम ही राम है।बिना राम के जीवन की कल्पना नही की जा सकती।राम सर्वत्र व्याप्त है।यह सारा ब्रह्मांड राम की ही कल्पना है।राम का अवतरण त्रेता युग मे हुआ था।राजा दशरथ