सहेली के प्यारमेरी ज़िन्दगी भी क्या ज़िन्दगी है जिसे आज तक मई तो समझ न पायी वो क्या समझता !! ये कहानी है उन हसीं लम्हो की जिसे मई तो भुला न पायी और न ही मुझे लगता है के आगे भी उन पलों को भुला पाऊँगी। अगर आपके पास कोई तरीका हो तो मुझे ज़रूर बताना। दोस्तों, इस प्यार की शुरुआत मेरी सहेली के प्यार से हुई मगर उस प्यार से मुझे बहुत ज़्यादा दर्द झेलना पड़ा। दर्द भी क्या कहे तकलीफ थी बहुत बड़ी जिसे मै न तो भुला पायी, न भुला पा रही हूँ और आगे भी