प्रेम का पूर्वाभास - भाग 15

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शीतला मासानी माता का बहुत बड़ा भक्त रणविजय छोटी मां अरुणा के साथ शीतला मां के दर्शन करने के लिए मंदिर की चौखट पर जैसे ही पहला कदम रखता है उसके रोंगटे खड़े होने लगते हैं और उसके हल्का-हल्का कलेजे में दर्द होने लगता है, रणविजय अपने को पापी समझ कर मंदिर के अंदर घुसने की जगह पीपल के पेड़ के नीचे बैठ जाता है और अचानक उसके सीने में ऐसा दर्द होने लगता है जैसे दिल का दौरा पड़ने वाला हो और दर्द के साथ उसका दम घुटने लगता है, उस समय रणविजय के सामने उसका पूरा जीवन घूम