क्यों

  • 2k
  • 690

ये कहानी है उन दिनों की जब नीरू दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। सुबह का समय था और आज स्कूल का पहला दिन था। “मां जल्दी करो मेरी बस आती ही होगी”, नीरू ने कहा। मां अपना दुप्पटा संभालती हुई जल्दी जल्दी नीरू का लंच पैक कर ले आई। नीरू को लंच थमाते हुए मां ने कहा ‘मन लगा कर पढ़ाई करना और हां वो कूकिंग की एक्सट्रा क्लासीज भी जोइन कर लियो’, बस मां का इतना कहना बाकी ही था कि नीरू की खुशी उदासी में बदल गई। वो सोच ही रही थी की मां बार बार ऐसा क्यों