अवि करन के घर के बाहर खड़ा होकर दरवाजे की घंटी बजाता है अंकल जी दरवाजा खोला कर कहते है - अवि हो ना ?? अवि - जी अंकल जी ।अंकल जी - करन अभी भी ऊपर कमरे में ही है किसी से बात नही कर रहा है तुम्हारा दोस्त है तुम्हारी बात मान जाए तो उसे समझाओ और नीचे ले कर आओ।अवि - हां, मै लेकर आता हु।जाते हुए अवि को पीछे से आवाज लगाते हुए अंकल जी कहते है - उसका ध्यान रखना।अवि जाते हुए - जी अंकल जी, प्यार से समझाऊंगा।अवि कमरे मे जाता है करन बिस्तर