प्रेम गली अति साँकरी - 101

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101---- =============== जब भी मैंने उत्पल से उसको अपने लिए कोई ‘कंपनी’बना लेने की बात की, वह हमेशा ऐसी बात कहता कि मेरा व्यथित मन और भी पीड़ित हो जाता | देखने में खासा सुंदर, प्रभावित करने वाला व्यक्तित्व, इतना हँसमुख, अपने काम के प्रति समर्पित लड़का और उसे कोई ऐसी कंपनी नहीं मिल रही थी जिससे वह अपने मन-तन को साझा कर सके | “अभी टॉर्च लेकर निकलता हूँ---या---खरीदा जा सकता है क्या प्यार कहीं, बता दो कहाँ जाऊँ ?”जब ऐसी बातें कहता, दिल ज़ोर से धड़कने लगता और मन दुखी हो जाता और उसके प्रति पहले से और