92--- ================ संस्थान की पार्किंग में पापा की गाड़ी देखकर पता चल गया कि पापा आ गए थे, बिटिया के आने की खबर से वहाँ खुशी फैल गई थी | आखिर परिवार का एक सदस्य बढ़ गया था | पापा अपने कमरे के बाहर ही खड़े थे, उनके मुख पर भी मुस्कान खिली थी | “पधार गईं लक्ष्मी जी?कैसे हैं माँ बेटी। दोनों?” पापा ने मुस्काते हुए पूछा | “सब अच्छा है, बस सुधा का सीज़िरियन करना पड़ा | ”अम्मा ने बताया | “एक खुशखबरी मैं देता हूँ ---”पापा बोले | “अच्छा, क्या भला ?”अम्मा को उत्सुकता थी | उत्पल