प्रेम गली अति साँकरी - 85

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85---- ================ आज के आदमी की परेशानी यह है कि वह दूसरे को देखकर यह नहीं सोच पाता कि सामने वाला किन कठिनाइयों, परेशानियों और अपने श्रम से आज की स्थिति पर पहुँचा होगा | जैसे पूरा जीवन लग जाता है किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में लेकिन सामने वाला केवल उसकी सफलता का परिणाम देखता है, उसका वर्षों का श्रम, रात-दिन का जागना, उसका जूझना नहीं देखता | उसे बस वह चमक दिखाई देती है जो उसके सामने चमक रही होती है | इसीलिए उसे रातों-रात उस स्थान पर पहुंचना होता है जिस पर वह सामने वाले को