चिराग का ज़हर - 2

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(2) पिछले दस बारह दिनों से प्रतिदिन आसिफ नीलम हाउस पहुँच जाता था। दिन वहीं व्यतीत करता और सन्ध्या होते ही सिपाहियों का पहरा लगा कर भाग आता । सिपाही या तो कम्पाउन्ड में टहलते रहते या नूरा के कमरे के सामने बरामदे में पड़े रहते और सवेरे जब आसिफ आया तो 'सब ठीक है श्रीमान जी' की रिपोर्ट दे देते । कभी उन्होंने इमारत के अन्दर जाने का साहस नहीं किया था । इसी प्रकार जब प्रन्द्रह दिनों तक यही रिपोर्ट मिलती रही कि 'सब ठीक है श्री मान जी' तो मासिक का साहस बढ़ने लगा । विभाग के