सबा - 33

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मंत्रीजी एकाएक उठ कर भीतर चले गए। उनका चेहरा अपमान और गुस्से से तमतमाया हुआ था। बाउंसर्स को बुलाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। ऊंची आवाज़ में बहस सुन कर गेट पर खड़ा गार्ड ख़ुद भीतर चला आया। क्या हुआ, जब तक वो कुछ समझ पाता तब तक भीतर के कमरे पड़ा पर्दा हटा कर राज्य के असरदार मंत्रीजी भीतर जा चुके थे। गार्ड ने तो केवल पर्दा हिलता हुआ देखा। फिर उसने कुछ त्यौरियां चढ़ा कर उस मेहमान की तरफ़ घूरते हुए देखा जिससे बात करते हुए मंत्री महोदय नाराज़ हो गए थे और अधूरी बात बीच में ही छोड़