प्रेम गली अति साँकरी - 78

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78— =========== महामारी की दूसरी लहर में बुरा हाल देखने को मिल रहा था और अम्मा ने रतनी से बचे हुए कपड़ों और पापा के द्वारा मँगवा दिए गए सॉफ़्ट कपड़े के थान में से ढेरों ढेर मास्क बनवाए | ये मास्क ऐसे थे जिन्हें धोया जा सकता था | शीला दीदी ने कहा कि वे घर में ही सेनेटाइज़र बना सकती हैं | देखने में यह आ रहा था कि सेनेटाइजर्स की नई-नई ब्रांडस बाज़ार में धड़ल्ले से आ रही थीं | सभी कंपनियों ने सेनेटाइज़र बनाकर टी.वी पर उसका ‘एड’ देना शुरू कर दिया था | ऐसा लगता