74 =============== अम्मा-पापा से बात कुछ और करना चाहती थी लेकिन उत्पल को देखकर अपने डाँस को शुरू करने की बात फिर कई बार दोहराती रही| क्या इसका कोई खास कारण रहा होगा? कोई ऐसी वजह जिसके लिए मैं उत्पल को तकलीफ़ में देख पाने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी फिर भी स्वयं आहत होकर उसे भी आहत करना चाहती थी, क्यों ऐसा? एक ओर उसकी बात सुनकर भीतर से झुलसता दिल और दूसरी ओर उसकी बात से खुद कष्ट पाकर उसको भी शायद पीड़ा देना| दो विरोधी बातें ! क्या मैं उसकी बात जानकर उससे पीछा छुड़ाना