अब सब बताया है तो ये भी बता ही दो कब कर रही हो निकाह कुबूल उससे। जिसके जिस्म से अमीरियत की बू सूंघ कर उसके पास चली गई। और इल्जाम मां बाप पर लगा रही हो। की सब उनकी मर्जी के हिसाब से है। एक आवाज़ आई : की जब भी हो तुमसे आखिर मतलब ही क्या है ? जो होना था वो तो हो ही गया न ,हिचके से स्वर में बोली : एक बात कहूं मैं आप को बहुत चाहती हूं। लेकिन आप मुझसे न जाने कितना दूर जाते जा रहे हो। क्या मुझसे कोई दुर्गंध आती