डोली अरमानों की - भाग 1

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एक  गाव  था  जिसका  नाम  था  ।  कैलास पुर  ।  उस  गाव  मे  एक  जंगल  पड़ता  था  ।  शाम  के  ७  बजे  के  बाद  वहा  कोई  भी  आदमी  नहीं  जाता  था  ।    कहते  है  शाम  के  बाद  जो  वहा  गया  ।  वो  फिर  पलट  के  कभी  नहीं  लौटा  ।  जो  गया  सो  गया  ।    कहते  उस  जंगल  मे  एक  सड़क  है  ।  सायद  एक  किलोमीटर  जितनी  ।  बस  उस  सड़क  का  ही  सब  खेल  है  ।    दिवाली  की  छूटी  हो  चुकी  वो  घर  के  लिए  रवाना  हो  गया  था ।  वो  जब  उस  जंगल  वाली  सड़क  तक