आज उनकी छुट्टी थी। शायद इसीलिए वो इतनी शांति और आराम से बैठी थीं। वो कोई किताब पढ़ रही थीं। जब उन्होंने देखा कि बिजली रसोई से अपना काम ख़त्म करके जाने के लिए उनके पास अनुमति लेने आई तो वो पल भर के लिए क़िताब अपनी आंखों के सामने से हटा कर उससे बोलीं - बैठ!बिजली को थोड़ा अचंभा हुआ। उसे यहां काम करते हुए इतने दिन हो गए थे पर पहले तो उन्होंने कभी बिजली को बैठने के लिए नहीं कहा। कहतीं कैसे, वो तो ख़ुद हमेशा जाने की जल्दी या हड़बड़ी में होती थीं, बिजली से काम