मंडप में बैठी महिलाओं के ऐसे व्यंग वाण सुनकर एक समझदार महिला ने कहा, “तुम लोग क्या फिजूल की बातें कर रहे हो। अरे सूरत शक्ल में क्या रखा है। गोरे काले में क्या फ़र्क़ है, सब एक जैसे ही होते हैं। बस छोरी को प्यार से रख ले, मारे कूटे नहीं तो समझो सब अच्छा है।” महिलाओं की इस तरह की बातें मोहन के मन में फेविकोल की तरह चिपक गईं। विवाह तो हो गया पर इन बेफिजूल की बातों ने विवाह के साथ ही मोहन के मन में शक का एक भयानक बड़ा ही खतरनाक कीड़ा उत्पन्न कर