प्रेम गली अति साँकरी - 69

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======== “क्या रहा उस दिन---श्रेष्ठ जी से मीटिंग---” शीला दीदी ने कॉफ़ी का आखिरी सिप लेते हुए पूछा |  क्या मुझे सब कुछ खुलकर बता देना चाहिए? मन में उथल-पुथल थी | एक तरफ़ सब कुछ शेयर करना ज़रूरी लग रहा था तो दूसरी ओर न जाने एक प्रकार की झिझक सामने मुँह फाड़े खड़ी हो जाती थी | मैं खुद भी तो कब से सोच रही थी, बात करने की लेकिन न जाने कौन और क्या मुझे रोक देता? जैसे एक दीवार सी खड़ी थी मेरे सामने, उसको हटाना तो होगा ही किन्तु कैसे ? यही तो सबसे बड़ी